Wednesday, 6 December 2023


 पर रहते हो, तुम मौन सदा । 


ओ शानदार,फ़ौलादी दीप स्तंभ,

हो खड़े कर्मवीर, तुम सीना ताने, 

सागर की उत्ताल तरंगों में,

चिलचिलाती धूप और बहारों में,

चक्रवाती तूफान और घटाओं में,

पर रहते हो, तुम मौन सदा ।














नौचालन के हो, बेजोड खिलाड़ी,

भटकी किश्ती,और जहाजों के प्यारे,

घनघोर अँधियारे को, चीरती चमक तुम्हारी,   

देख समंदर में भटके नाविक हर्षाते ।  

रेकान और DGNSS से सागर मध्य, 

जहाजों  को उनकी  स्थिति  बताते । 

NAIS से समंदर में जहाजों को,

दोस्त और दुश्मन की,पहचान कराते । 

Navtex से मौसम और नौचालन की,

ताजा- तरीन सूचनाएं पहुंचाते ।    


पर रहते हो  तुम  मौन  सदा । 

देश विदेश से व्यापार में, 

भूमिका कमतर नही तुम्हारी l

अंतर्राष्ट्रीय, सागर पर्यटन, देन तुम्हारी । 

सच  पूछो तो तुम  देश  की GDP भी बढाते हो, 

नई संभावनाएं और नई तकनीक तलाशते हो,

सारे जहां की जानकारी रखते हो।  


पर  रहते  हो, तुम  मौन सदा ।  

पर  रहते  हो, तुम  मौन सदा ।  

                                 - ओमकार नाथ मौर्य

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