नौतरणी भाग्य विधाता ।
नौचालक गण मन भावक जय हो
नौतरणी भाग्य विधाता ।
हिन्द अरब प्रशांत अटलांटिक,
खाड़ी बंगाल की सब मे ,
तुम हो दिग्भ्रमित के पथ प्रदर्शक
ज्योति स्वरूप, रेडार पर छावे
उपग्रहों से स्थिति सुझावे
नित नई नौचालन विधा अपनावे
जय हे नौतरणी भाग्य विधाता
द्वीप द्वीप और खाड़ी खाड़ी
विशाल काया होवे तेरी
श्वेत,श्याम और रक्त वर्ण है भावे
सागर जाके चरण पखारे
नौचालक मन भावक दीपस्तंभ
जय हो जय हो तेरी जय हो ।