सच कहना भी बहुत जरूरी है।
सच कहना भी बहुत जरूरी
है।
पर सच कहने मे इक मजबूरी
है,
सच कहते ही झापड़ पड़ते हैं,
झूठ को वाह-वाही मिलती
है।
सच कहना भी बहुत जरूरी है
,
पर सच कहने मे भी लाचारी
है,
साबित करने को सबूत
जुटाना हैं,
झूठ को झटपट आरोप लगाना
है।
सच कहना भी बहुत जरूरी है
,
पर सच कहने से जान फंसानी
है,
क्योंकि सच,अक्सर होता कड़वा है,
और,झूठ मीठा मुलायम हलवा है।
सच कहना भी बहुत जरूरी है,
पर सच कहने से काम बिगड़ते हैं,
खरी-खरी पारो भी खूब
सुनाती है,
गुड़िया की गुड़िया भी रह
जाती है।
सच कहना भी बहुत जरूरी है,
पर पास मे उसके दो कौड़ी
है,
झूठ से करते हम सब नफरत
है,
पर पास मे उसके सौ कौड़ी
है।
सच कहना भी बहुत जरूरी है,
झूठी कुर्सी जब दबाव
बढ़ाती है,
फाइलों मे पड़ी सच्चाई दब
जाती है,
तब सच कोने पड़ा
सुबकता है।
सच कहना भी बहुत जरूरी है,
अदालत सच को मान दिलाती
है,
खोया सम्मान वापस कराती
है,पर
समय और,पैसा भी खूब लगाती है।
सच कहना भी बहुत जरूरी है
जीत आखिर उसकी ही होती है,
जीत उसकी अक्सर तब हो
पाती है,
जब जीने के इच्छा ही मर जाती है।
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